दुर्जनों से बचकर रहना

!!!---: दुर्जन और सज्जन :---!!! ========================== "दुर्जनः प्रियवादी च नैतद् विश्वासकारणम् । मधु तिष्ठति जिह्वाग्रे हृदये तु हलाहलम् ।।" अर्थ :----दुर्जन (बदमाश) व्यक्ति बहुत चालु होते हैं । बोलते तो बहुत मीठा हैं, किन्तु इनके ऊपर विश्वास नहीं किया जा सकता है । इनके मुख पर तो शहद होता है, किन्तु दिल में विष (जहर) भरा होता है । इसलिए इनसे बचकर रहना । ============================= www.vaidiksanskrit.com =============================== हमारे सहयोगी पृष्ठः-- (१.) वैदिक साहित्य हिन्दी में www.facebook.com/vaidiksanskrit (२.) वैदिक साहित्य और छन्द www.facebook.com/vedisanskrit (३.) लौकिक साहित्य हिन्दी में www.facebook.com/laukiksanskrit (४.) संस्कृत निबन्ध www.facebook.com/girvanvani (५.) संस्कृत सीखिए-- www.facebook.com/shishusanskritam (६.) चाणक्य नीति www.facebook.com/chaanakyaneeti (७.) संस्कृत-हिन्दी में कथा www.facebook.com/kathamanzari (८.) संस्कृत-काव्य www.facebook.com/kavyanzali (९.) आयुर्वेद और उपचार www.facebook.com/gyankisima ...