Dil Se.....

बस एक तिनका बिखर गया ।
घोंसला न जाने किधर गया ।।

ख़ुशी की हर घड़ी वो साथ ले गयी,
दर्द गहरा सा दिल में उतर गया l

जिन्दगी भटकनो का नाम रह गयी,
हमकदम भी साथ देने से मुकर गया l

थका हुवा सा बदहवास चल रहा हु में,
कारवां कही आराम लेने को ठहर गया ।

दोस्तों की भीड़ उसकी महफ़िल में चली गयी,
मेरे आँगन में बस सन्नाटा पसर गया ।

वो किसी गैर के है गम नही 'प्रकुश'
दिल उजड़ा तो क्या किसी का घर संवर गया ।

==============================
पृष्ठ पर जाएँ---
--------------
(1.) डॉ. प्रवीण शुक्ल
www.facebook.com/kavipraveenshukla
(2.) संवाद
www.facebook.com/somwad
(3.) दिल से
www.facebook.com/dilorshayari
समूह से जुडें---
-----------------
(1.) दिल से संवाद
https://www.facebook.com/groups/dilsesamwad
(2.) डॉ. प्रवीण शुक्ला
https://www.facebook.com/groups/praveenshukla

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सन्मित्र के लक्षण

परगुण-परमाणु

चार प्रकार की नीतियाँ